फॉरबिसगंज, संवाददाता
बिहार शिक्षा का प्रमुख केंद्र रहा है जिसकी प्रसिद्धि न सिर्फ देश अपितु दुनिया में रही है।इन दिनों यहाँ की शिक्षा व्यवस्था चरमरा गई है।बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिल रही है।विद्यालयों में छात्रों के नामांकन का प्रतिशत तो बढ़ा है परंतु छात्रोपस्थिति में व्यापक सुधार नहीं हो पाया है।प्रारंभिक विद्यालय से लेकर विश्वविद्यालयों तक में अध्यापकों की घोर कमी है।
अधिकांशतः विद्यालयों का उत्क्रमण क्रमशःमध्य, उच्च और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में तो कर दिया गया है परंतु वहाँ न तो पर्याप्त विषयवार शिक्षक है न ही लिपिक, आदेशपाल और पुस्तकालय अध्यक्ष हैं।बुनियादी सुविधाओं में लैब,पुस्तकालय, खेलसामग्री की भी कमी है।अधिकांशतः महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में नियमित कक्षाओं का संचालन नहीं हो पाता है।निश्चय ही ऐसे में उच्च शिक्षा व शोध की परिकल्पना संभव नहीं ।
आमजनों में जहाँ सरकारी विद्यालयों के प्रति हीन भावना है वहीं प्राईवेट स्कूलों के प्रति आकर्षण बढ़ा है।ऐसे में शिक्षा के निजीकरण की राह हमवार की जा रही हैं।सरकार जहाँ छात्रों को पाठ्यपुस्तक, पोशाक, छात्रवृति, सायकिल और मध्याह्न भोजन जैसी सुविधाएं उपलब्ध करा रही हैं वहीं शैक्षिक परिभ्रमण से लेकर विद्यालय के विकास के लिए प्रत्येक वर्ष राशि आबंटित करती रहती है।समय समय पर शिक्षकों को प्रशिक्षण और बच्चों के स्वास्थ्य संबंधित कैम्पस का आयोजन भी करती रही है परन्तु विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण सरकारी योजनाएं जमीनी हकीकत नहीं बन पा रही हैं।
सबसे महत्वपूर्ण है कि नेता और अधिकारियों के बच्चे सुविधा समपन्न बड़े पब्लिक स्कूल में पढ़ते हैं जबकि आर्थिक रूप से कमजोर आमजनों के बच्चे का भविष्य इन सरकारी स्कूलों के भरोसे है।
ऐसे में भला देश का भविष्य कैसा होगा?
शिक्षा हमारा मौलिक अधिकार है और देश के विकास का प्रमुख आधार है।एस आई ओ शिक्षा व्यवस्था में आ रही गिरावट के प्रति चिंतित है और इस मुद्दे को गंभीरता से ले रही है।इसी के मद्देनजर छात्रों के प्रति सदैव तत्पर रहने वाली छात्र संगठन स्टूडेंट्स इस्लामिक ऑर्गेनाइजेशन आफ इंडिया, की बिहार शाखा ने दिनांक 07-July-2019 से 30-July-2019 तक प्रदेश स्तर पर शिक्षा जन जागरूकता अभियान चलाने का निर्णय लिया है।
इस अभियान के तहत् विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर जहाँ आमजनों व छात्र समुदाय को शिक्षा के प्रति जागरूक किया जाएगा वहीं विभागीय अधिकारियों, शिक्षकों, और सरकार से मिलकर शिक्षा व्यवस्था में सुधार की मांग की जाएंगी। उक्त अभियान के तहत फारबिसगंज यूनिट में प्रमुख रुप से शादमान नोमानी (प्रदेश कैम्पस सचिव), मोनाजीर अंसारी (प्रदेश सचिव), कौसर आलम (यूनिट सचिव), महबूब आलम, राशिद जूनैद, सादिक आलम एवं मोo आमिल और अन्य सदस्य भी से उपस्थित रहे।