

अररिया (रंजीत ठाकुर):- फारबिसगंज
सुल्तान पोखर स्थित श्री चित्रगुप्त मंदिर में सभी चित्रांश परिवार के सदस्यों ने भगवान चित्रगुप्त एवं कलम दवात की पूजा अर्चना की। पूजा में श्री चित्रगुप्त भगवान सहित उनके सभी 12 संतानों की विधिवत पूजा अर्चना की गई। ऐसी मान्यता है कि भगवान चित्रगुप्त के हाथ में धर्म की किताब,कलम-दवात है, जिनकी लेखनी से संसार के समस्त जीवो को उनके कर्मों के अनुसार न्याय मिलता है। पुराणों के अनुसार सृष्टि की प्रारंभ में सृष्टि के नियंत्रण के लिए भगवान ब्रह्मा ने तपस्या की तो उनके काया से चित्रगुप्तजी महाराज की उत्पत्ति हुई।
इसके बाद ब्रह्मा जी ने काया से उत्पन्न होने के कारण कायस्थ संज्ञा देकर उनको सभी 84 लाख योनियों के जीवों के कर्मो का लेखा-जोखा रखने का कार्य उन्हें सौंपा।
इसके अलावा चित्रगुप्त महाराज की उत्पत्ति की कथा ये भी है कि समुंदर मंथन में लक्ष्मी जी के साथ श्री चित्रगुप्त जी की उत्पत्ति हुई थी।
फारबिसगंज के इस मंदिर के प्रांगण में स्थानीय सहित आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में चित्रांश पूजा एवं पुष्पांजलि हवन आदि में शामिल हुए। पूजा पुरोहित श्री शैलेंद्र जी द्वारा कराया गया। पूजनोपरांत सहभोज का कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें परिवार की महिलाएं एवं बच्चों ने बड़ी संख्या में भाग लिया इस अवसर पर कार्यकारिणी के अध्यक्ष वीरेंद्र प्रसाद वीर, उपाध्यक्ष सुशील कुमार सिंह एवं अनिल सिन्हा, सचिव कल्याण कुमार वर्मा, प्रवक्ता डॉ. अरविंद कुमार वर्मा, नीरज कुमार श्रीवास्तव, माधव कुमार दास, प्रदीप कर्ण, अभय श्रीवास्तव, तरुण सिन्हा, सतीश श्रीवास्तव, संजीव श्रीवास्तव, किशोर वर्मा, किशोर दास , अमरेंद्र कुमार, विजेंद्र नारायण सिन्हा, सिंधु प्रसाद सिन्हा, आनंद प्रकाश, अभय सिन्हा सहित सैकड़ों की संख्या में चित्रांश मौजूद रहे।
